नीमच । 01 दिसम्बर 2015 को नीमच शहर की ग्वालटोली में रहने वाली हेमा पति लोकेश जाटव को बी.सी. के रूपये को लेकर हुए विवाद के कारण घासलेट डालकर जलाने वाले हत्याकाण्ड में मृतिका के मृत्युकालिन कथन लेने वाले उदयपुर (राजस्थान) के न्यायाधीश ने सत्र न्यायालय, नीमच में अपने बयान लिपिबद्ध कराए । शासन की और से न्यायालय में संचालन करने वाले जिला लोक अभियोजन अधिकारी आर. आर. चौधरी द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि घटना यह हैं कि 01 दिसम्बर 2015 को आरोपिया मंजू पति राजेश जाटव व रानी पिता राजेश जाटव, दोनो निवासी-ग्वालटोली, नीमच के यहॉ अन्य महिलाएं एवं मृतिका हेमा पति लोकेश के साथ बी.सी. लगाती थी। बी.सी. के कुछ पैसे मृतिका हेमा द्वारा रानी व मंजू को देने में देरी हो गई थी इसी कारण दोनों आरोपिया ने मृतिका हेमा के ऊपर घासलेट डालकर जला दिया था जिससे वह 81 प्रतिशत तक जल गई थी। रिपोर्ट पर से आरोपिया रानी व मंजूबाई के विरूद्ध थाना नीमच केंट में अपराध क्रमांक 07/2016, धारा 302/34 भादवि का पंजीबद्ध हुआ था। मृतिका हेमा के 81 प्रतिशत जल जाने से जिला चिकित्सालय नीमच के ईमरजेन्सि विभाग ने प्राथमिक उपचार कर सर्जिकल विशेषज्ञ, उदयपुर को रेफर कर दिया था, जहॉ पर दिनांक 02.12.2015 को उदयपुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री नुकेश भगोरा द्वारा पुलिस के निवेदन पर महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय, उदयपुर में जाकर पलंग पर जली अवस्था में घायल महिला हेमा के मरणान्नासन कथन लिये थे, जिसमें मृतिका हेमा ने बताया था कि उसे किन लोगों द्वारा कैसे घासलेट डालकर जलाया गया था, इस बात को मरने से पूर्व मृत्युकालिन कथन देते हुए उपरोक्त जज साहब को मृतिका ने मृत्युशैया पर बताया था। उक्त प्रकरण नीमच कें अपर सत्र न्यायाधीश श्री जसवंत सिंह यादव के न्यायालय में विचाराधीन हैं जिसमें अभियोजन की ओर से जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री आर. आर. चौधरी द्वारा उक्त न्यायाधीश के बयान लिपीबद्ध करवायें गये। स्मणीय हैं कि घटना के समय ग्वालटोली नीमच में हेमा की निर्मम हत्या हो जाने से अशांति का महौल उत्पन्न हो गया था। प्रकरण का विचारण जारी हैं जिसमें अतिशीघ्र निर्णय होने की संभावना हैं।
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