जावद। श्री नितिराजसिंह सिसौदीया अपर सत्र न्यायाधीश, जावद द्वारा एक आरोपी को 16 वर्ष की नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप का दोषी पाकर 27 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल 15,000रू. के जुर्माने से दण्डित किया।
जिला अभियोजन अधिकारी श्री आर. आर. चौधरी द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 03 वर्ष पुरानी होकर दिनांक 29.03.2016 की हैं। 16 वर्ष पीड़िता को उसका पिता जावद स्थित स्कुल छोड़कर जब वापस शाम को लेने आया तो वह उसको नहीं मिलने पर उसने उसकी रिपोर्ट पुलिस थाना जावद में की जिस पर से अपराध क्रमांक 105/16, धारा 363 भादवि के अंतर्गत दर्ज किया गया। पुलिस जावद द्वारा विवेचना के दौरान शंका के आधार पर अभियुक्त के मोबाईल के लोकेशन के आधार पर लगभग 15 दिन बाद सुरत (गुजरात) से आरोपी को गिरफ्तार किया ओर उसके कब्जे से पीड़िता को दस्तयाब किया। पीड़िता द्वारा बताया गया कि आरोपी उसका पूर्व परिचीत है तथा घटना दिनांक को वह उसे स्कुल से जबरदस्ती कार में बैठाकर चित्तोड़गढ़, छोटीसादड़ी, उदयपुर, अहमदाबाद, भोपाल तथा सुरत ले गया जहां पर उसने उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस द्वारा पीड़िता का मेडिकल कराकर उसके उम्र संबंधित दस्तावेज प्राप्त कर धारा 366, 376(2)(एन) व 376(2)(आई) भादवि का ईजाफा कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया।
श्री जगदीश चौहान, अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा अभियोजन की ओर से 16 वर्ष से कम नाबालिग पीड़िता, के साथ अपहरण व दुष्कर्म हुआ यह प्रमाणित कराने के लिए उसका मेडिकल करने वाले डॉक्टर तथा पीडिता को नाबालिक प्रमाणित करने के लिए स्कॉलर रजिस्टर प्रस्तुत करने वाले अध्यापक सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान न्यायालय में कराकर आरोपी के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया। दण्ड के प्रश्न पर श्री जगदीश चौहान द्वारा तर्क रखा गया कि आरोपी द्वारा नाबालिग का अपहरण कर लगभग 15 दिवस तक अलग-अलग स्थानो पर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया हैं, अतः आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किया जाये। अभियोजन के तर्को से सहमत होकर श्री नितिराजसिंह सिसौदिया, अपर सत्र न्यायाधीश, जावद द्वारा आरोपी अजय पिता ओमप्रकाश आचार्य, उम्र-21 वर्ष, निवासी-कुम्हार मोहल्ला, छोटी सादड़ी, जिला-प्रतापगढ़ (राजस्थान) को धारा 366 भादवि (दुष्कर्म करने के लिये अपहरण करना) में 07 वर्ष का सश्रम कारावास व 5,000रू. जुर्माना तथा 376(2)(एन) व376(2)(आई) भादवि (अव्यस्क के साथ दुष्कर्म करना) में 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास व 5,000-5,000रू. जुर्माना, इस प्रकार आरोपी को कुल 27 वर्ष के सश्रम कारावास व 15,000रू. जुर्माने से दण्डित किया गया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी श्री जगदीश चौहान, अतिरिक्त डीपीओ द्वारा की गई।