नीमच। श्री विवेक कुमार, विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सों एक्ट), नीमच द्वारा एक आरोपी को नाबालिग लडकी का अपहरण करने के आरोप का दोषी पाकर 13 माह का सश्रम कारावास तथा 5000रू जुर्माने से दण्डित किया।
अभियोजन मीडिया सेल को विशेष लोक अभियोजक श्री जगदीश चौहान नें जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 2 वर्ष पुरानी होकर दिनांक 17.12.2018 थाना बघाना की हैं। फरियादिया नें थाना बघाना पर इस आशय की रिपोर्ट लिखाई कि घटना दिनांक को दिनांक को वह अपने घर से स्कूल के लिये निकली थी कि आशा पेट्रोल पंप के पास पहुॅची थी, कि बघाना तरफ से आरोपी विकास अपनी मोटरसाईकल लेकर आया और पीडिता के साथ जरूरी बात करने का कहकर गाड़ी पर बैठनें का बोला, जिसके बाद आरोपी विकास नें पीडिता के साथ प्यार मोहब्बत की बाते करते हुए उसे हवाई पट्टी की तरफ ले गया। जहां पर से आरोपी विकास डामोर ने पीडिता को शादी का विश्वास दिलाया व ग्राम लखमी ले गया था। आरोपी के पता चलने पर की पीडिता के रिश्तेदार उसे ढूढ रहे हैं, तो आरोपी ने डर के मारे व पीडिता की अवयस्य उम्र के बारे में जानकर उसे वापस घर छोड़ दिया। फरियादिया द्वारा आरोपी के विरूद्ध रिपोर्ट थाना बघाना पर अपराध क्रमांक 389/2018, धारा 363 भादवि की अंतर्गत की गई। पुलिस थाना बघाना द्वारा विवेचना के दौरान आरोपी को गिरफ्तार कर शेष आवश्यक विवेचना पूर्ण कर चालान विशेष न्यायालय नीमच में प्रस्तुत किया गया।
अभियोजन की ओर से श्री जगदीश चौहान, जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा पीड़िता, पीडिता को नाबालिग प्रमाणित करने के लिए स्कॉलर रजिस्टर प्रस्तुत करने वाले प्रधानाध्यापक, उसके परिवार के सदस्य, सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान न्यायालय में कराये गये, जिसके परिणामस्वरूप अभियोजन द्वारा अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया। अभियोजन की ओर से दण्ड के प्रश्न पर तर्क रखा गया कि, आरोपी नें नाबालिग पीडिता को शादी का झांसा देकर अपहरण किया था, इसलिए आरोपी को कठोर से कठोर दण्ड से दण्डित किया जावे। न्यायालय नें निर्णय में बताया की भले ही आरोपी द्वारा पीडिता की अवयस्य उम्र के बारे में जानकर उसे वापस नीमच छोड गया, फिर भी आरोपी ने एक अवयस्क लडकी का अपहरण कर अपराध किया है, जिससे श्री विवेक कुमार, विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सों एक्ट), नीमच द्वारा आरोपी विकास पिता गिरीराज डामोर, उम्र-19 वर्ष, निवासी-एकता कॉलोनी बघाना, जिला नीमच को धारा 363 भादवि में 13 माह का सश्रम कारावास व 5000रू जुर्माने से दण्डित किया गया। *न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी श्री जगदीश चौहान विशेष लोक अभियोजक द्वारा की गई।