मंदसौर के चर्चित करोबारी वीरेंद्र ठन्ना हत्याकांड में आज अदालत ने बडा फैसला सुनाया है हत्याकारंड के आरोपी आजम लाला, सरफराज, अरमान और रफीक को आजीवन कारावास की सजा और 10,000 जुर्माने की सजा सुनाई है पुलिस ने इस मामले में 11 आरोपी बनाए गए थे, यह फैसला चतुर्थ अपर सत्र न्यायालय जयंत शर्मा की अदालत ने सुनाया है
गौरतलब है कि जमीन विवाद के चलते दिसंबर में बीपीएल चौराहे पर व्यापारी वीरेंद्र ठन्ना की हत्या हो गई थी। दलौदा में रिलायंस पेट्रोल पंप के समीप स्थित 8 आरी (करीब आधा बीघा) जमीन को लेकर वीरेंद्र व बानीखेड़ी के चार भाइयों से एक साल से विवाद चल रहा था। जमीन वीरेंद्र के पिता रामप्रसाद ठन्ना ने बनीखेड़ी निवासी आरोपियों के पिता से खरीदा थी। नामांतरण नहीं कराया था। फोरलेन निर्माण के दौरान कंपनी ने आरोपी भाइयों को मुआवजा दिया। इसके बाद बानीखेड़ी निवासी 4 भाइयों ने 1979 में सत्यनारायण कछाल को उक्त जमीन बेच दी। रामप्रसाद ने कानूनी कार्रवाई कर 2009 में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद खुद के पक्ष में रजिस्ट्री कराई। इसके बाद बानीखेड़ी निवासी भाइयों ने जमीन बाबू फकीर को बेच दी। बाबू ने प्रतापगढ़ निवासी आजम लाला को बेच दी।
मामले में रामप्रसाद ठन्ना ने चारों भाइयों के खिलाफ 420 का प्रकरण भी दर्ज कराया था। इधर आजम रामप्रसाद पर कब्जे को लेकर दबाव बना रहा था। रामप्रसाद कानूनी कार्रवाई की बात कह रहे थे। इसी बात पर 30 दिसंबर की रात वीरेंद्र पर गोली चलवाई जिसमें उसकी मौत हो गई।