नीमच। विशेष न्यायाधीश एन.डी.पी.एस. एक्ट नीमच के विशेष न्यायाधीश जसवंत सिंह यादव द्वारा एक आरोपी को अपनी मोटरसायकल पर अफीम रखकर परिवहन करने के आरोप में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 01 लाख रू. से दण्डित किया है।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री आर. आर. चौधरी द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 04.08.2013 को जिला अफीम अधिकारी नीमच को मुखबीर से सूचना प्राप्त हुई थी कि अजय नामक आरोपी विनोद अफीम की 6-7 किलोग्राम की डिलेवरी देने वाला हैं जिसे हाईवे पर निगरानी रखकर पकड़ा जा सकता हैं इस सूचना को सी.बी.एन. में दर्ज किया और अपने वरिष्ठ आधिकारियों को सूचना भेजी गयी।
जिला अफीम अधिकारी, नीमच ने नियमानुसार मेमो बनाकर एक संयुक्त निवारक दल का गठन किया, जिन्होंने मंदसौर नीमच हाईवे पर चल्दू के पास खड़े होकर निगरानी रखी थी कि मंदसौर की तरफ से एक मोटरसायकल पर दो व्यक्ति दिखे, उन्हे रोककर मोटरसायकल नं. एम.पी. 14 एम.के. 4498 पर मोटरसायकल की पेट्रोल टंकी पर थेला रखा था, जिसने अपना नाम विनोद पाटीदार बताया, तलासी ली गई, आवश्यक कार्यवाही के साथ विमल गुटका छाप के झोले में पोलेथिन की थैली को खोलकर देखने पर काले भूरे रंग का पदार्थ पाया, जिसमें अफीम की महक आ रही थी सूँघने पर अफीम की पुष्टि हुई, मौके पर ही उसे तोला जा 7 किलो 80 ग्राम होना पायी उसमें से नामूने निकाले एवं आवश्यक कार्यवाही करते हुए मोटरसायकल, अफीम को जप्त किया गया, अनुसंधान उपरांत धारा 8 सहपाठित धारा 18 बी एन.डी.पी.एस. एक्ट में सी.बी.एन. द्वारा परिवाद पत्र न्यायालय में पेश किया।
न्यायालय में उक्त आरोपीगण के विरूद्ध अपराध को प्रमाणित करने के लिए सभी आवश्यक साक्षियो के कथन कराये गये, जिसके आधार पर उक्त धारा में आरोपी को दोषी ठहराया गया। दण्ड के प्रश्न पर सी.बी.एन. के सीनीयर एडवोकेट सुशील ऐरन द्वारा आरोपी द्वारा वाणिज्यिक मात्रा से अधिक मादक पदार्थ होने से अपराध की गंभीरता को देखते हुए अधिकतम सजा दिये जाने का अनुरोध किया जिस पर विशेष न्यायाधीश एन.डी.पी.एस. एक्ट जसवंत सिंह यादव, नीमच द्वारा आरोपी विनोद पिता भागीरथ पाटीदार, निवासी-बही पार्श्वनाथ, थाना पिपल्यामण्डी, तहसील महल्हारगढ़, जिला मंदसौर (म.प्र.) को 8/18(बी) एन.डी.पी.एस. एक्ट 1985 के अंतर्गत 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 01 लाख रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। न्यायालय में सी.बी.एन. का पक्ष श्री सुशील ऐरन, विशेष लोक अभियोजक द्वारा रखा गया।